Friday 3 July 2020

भला क्या है??

आचरण में अति न भली, रति न भला अभिमान।
काम क्रोध कभी न भला, कड़वी  भली न जबान।।

निर्बल की हाय  भली न, संत का भला न शाप।
पर नारी प्रीत न भली, मन का भला न पाप।।

दुर्बल से रार भली न, ब्राह्मण भली न लात।
जीव  सताया कभी भला न, कीनी भली न घात।।

बादळ तो ब़ूठा भला, बहता भला' नीर।
तुरंग (घोड़ा) तो ताकड़ा भला, धीमा भला समीर।।

भाण उगता 'तेज' भला, मंदा भला अवसाण।
उतरादी बिरखा भली, दक्खिण भला उफाण।

जड़ां तो पाताळ भली, शिरा भली आकाश।
रहणो तो भाईयो मे भलो, होवो भलेही खट्टास ।।

वैरी का विनाश भला, मीत  भला उपकार।
दुर्जन (दुष्ट) की दूरी भली, साध भला सत्कार।।

निज पाणि पतवार भली, आत्म भला विश्वास।
डूबत को तिनका भला, अन्त भली अरदास।।

मन की तो माळा भली, तन का भला तपाव।
कहे 'उगम' ऊँचो तो आचरण भलो, निर्मल भलो सभाव।।
🙏🙏🙏🙏jakhar,,,,

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