Thursday, 22 June 2017
Saturday, 17 June 2017
कविता: मजदूर
- मैंने देखा है
- उन मजदूरों को
- जो पत्थर तोड़ते हैं
- काली गहरी खदानों में
- उनके कन्धों पर बडे़ बड़े घाव है
- तेज नुकीले पत्थरों से
डायरी लेखन
भी कभी हम सोचते है कि हमे जमाने के हिसाब से चलना चाहिए और चीजे समय के बदलते रहने देना चाहिए जबकि हम इस बात पर बिना अधिक सोच विचार के इसे अपनी life में लागू कर लेते है लेकिन यह एक गलत धारणा है क्योंकि हाँ चीजे एक समय के बाद outdated हो जाती है लेकिन फिर भी कुछ चीजे ऐसी होती है
Thursday, 15 June 2017
पढाई कैसे करें
कैसे पायें पढ़ाई में सफ़लता ? 20 TIPS
बोर्ड की परीक्षाओं का परिणाम आते ही जहाँ सामान्यतः चारों तरफ़ विद्यार्थियों में ख़ुशी की लहर दौड़ जाती है, वहीं न्यूज़ पेपर्स और टीवी चैनल्स पर कुछ दुखद समाचार भी सामने आते हैं, जहाँ विद्यार्थी अच्छे नंबर ना आने और मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या तक कर बैठते हैं | यह एक बहुत ही गंभीर विषय है क्योंकि विद्यार्थी आत्महत्या के मामलों में हम प्रथम स्थान पर हैं |
Tuesday, 13 June 2017
स्वार्थ
मेरा जीवन
तेरा जीवन
कौन जाने किसका जीवन
सब लगाते स्वार्थ के सागर में गोता
दिल कोई अपना कैसे होता
यह अपनापन तो एक बहाना है
स्वार्थ साधने के लिए
क्यों ओढ रखा है
यह झूठ का आवरण
क्यों देते हो अपनों की बलि
तुच्छ स्वार्थ की खातिर
खुद का जीवन नरक किया
औरों का क्यों करते हो ?
अरे शरीफों
तेरा जीवन
कौन जाने किसका जीवन
सब लगाते स्वार्थ के सागर में गोता
दिल कोई अपना कैसे होता
यह अपनापन तो एक बहाना है
स्वार्थ साधने के लिए
क्यों ओढ रखा है
यह झूठ का आवरण
क्यों देते हो अपनों की बलि
तुच्छ स्वार्थ की खातिर
खुद का जीवन नरक किया
औरों का क्यों करते हो ?
अरे शरीफों
Thursday, 8 June 2017
नन्हे मुन्ने होनहारों की खातिर
नन्हे मुन्ने होनहारों की खातिर। कोई प्राण भी मांग ले। नन्हे मुन्ने होनहारों की खातिर तो बलिदान कर दूं मैं उसी पल कोई लहू मांग ले नन्हे मुन्ने होनहारों की खातिर। तो मैं कतरा कतरा दान कर दूं कोई साँस भी माँग ले नन्हे मुन्ने होनहारों की खातिर तो भी मैं तैयार हूँ नन्हे मुन्ने होनहारों को शिक्षा और संस्कार देने के लिए। मैं अपनी निद्रा त्याग दूँ। और उन्हें मंजिल तक ले जाने के लिए खुद को भुला दूँ।
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