"जिज्ञासु"का काव्य जगत
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वैचारिक लेखन
Sunday, 21 October 2018
गाटे चलता गया गोधङा,ऊँठों
रा खला खेत गया।
खलां माथे खाता गूगरी वै मिनखाँ रा हैत गया।।
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