हकीकत में आरक्षण कौन खा रहा है ❓❓
कल मध्यरात्रि को आर ए एस प्री का परिणाम जारी हुआ था आप सब ने देखा होगा की कट ऑफ जनरल से ओबीसी की अधिक रही इसका साफ-साफ अर्थ है कि ओबीसी के अभ्यर्थियों को ओबीसी के कोटे के अंदर ही बांध के रखा है उन्हें जनरल में नहीं जाने दिया गया है अब कम नंबर लाकर भी जनरल वाले अफसर बनेंगे और ओबीसी वाले ज्यादा नंबर लाकर भी धक्के खाते रहेंगे फिर यह काहे का आरक्षण है❓❓
एक नजर कल के RAS प्री के परिणाम पर
अब इसे क्या कहेंगे? अन्य पिछड़ा वर्ग के युवा पढ़ने में भयंकर होशियार हैं कि वे सामान्य से 23.27% अंक अधिक अर्जित कर उनको मात दे रहे हैं ? असल में पढ़ाई में OBC के युवा अब आगे तो हैं मगर उनके साथ फिर से अन्याय शुरू हो चुका है क्योंकि नियमानुसार 99.33 % से नीचे की तरफ 76.06% तक उनके जितने भी युवा हैं वे प्रतिभाशाली हैं यानी मेरिट जहाँ रुकती है उससे भी ऊपर हैं तो पहले इन्हें मेरिट से लिया जाये फिर 76.06% सामान्य के स्तर तक वालों को 21% राज्य कोटा और 27% केन्द्रीय कोटा जैसी भी परीक्षा है, के अनुसार मिले तो ही तो आरक्षण है अन्यथा कैसा आरक्षण है ? 4-5 खास ही जातियों को 51% आरक्षण और SC,ST तथा OBC की करीब 9000 जातियों को मात्र 49% आरक्षण ये बन गया है न्यायिक निर्णयों के माध्यम से अब समस्त आरक्षित वर्ग को संघर्ष करने के लिए कमर कस लेनी चाहिए क्योंकि कुटिलतापूर्ण तरीके से ये षडयंत्र चल रहा है कि यातो आरक्षण खत्म हो या जो अब चल रहा कि जो जहाँ है वहीं रहे फिर आप मेरिट किसे कहेंगे? आप क्या सोचते हैं? थोड़ा अवगत कराएं :-
और दूसरी जातियां कहती है कि ओबीसी का आरक्षण जाट खा रहे हैं हम उनसे यह कहना चाहते हैं कि अब आप ही देख लीजिए कि आप का आरक्षण कौन खा रहे हैं सरकार खा रही है या जनरल खा रहा है कौन खा रहा है आरक्षण की असलियत भी आज तक लोगों ने समझने की कोशिश नहीं की 2017 में सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आया था उसमें स्पष्ट कहा गया है कि ओबीसी एससी एसटी के लोगों को जनरल की सीटों पर नौकरी नहीं मिलेगी अब दूसरी जातियां यह तय करें कि आपका आरक्षण कौन खा रहा है अगर ओबीसी का आरक्षण केवल जाट खा रहे हैं तो जनरल की कट ऑफ ओबीसी से नीचे क्यों 24 % का अंतर क्यों सभी से यही निवेदन है कि इसको समझने की कोशिश करें कि जो आरक्षित है जैसे ओबीसी एससी एसटी उनको उनके ही आरक्षित दायरे में बांधने की कोशिश की गई है यानी ओबीसी एससी एसटी का कोई भी व्यक्ति चाहे कितने भी नंबर लाए उनको जनरल में शामिल नहीं किया जाएगा उनको अपनी ही कैटेगरी में रखा जाएगा इसलिए सबका हित इसी में है कि एकजुट होकर सरकारों को मुंहतोड़ जवाब दीजिए आप बोलते नहीं हैं और जो बोलते हैं वह जनरल वाले लंबे समय से आरक्षण का विरोध करते आ रहे हैं तो देखो फायदा भी वही उठा रहे हैं आरक्षण के नाम का लॉलीपॉप sc.st.obc को पकड़ा दिया गया है और फायदा जनरल वाले उठा रहे हैं अगर आप ऐसे तो मानते नहीं है क्योंकि हमारी आदत है कि हम सच को स्वीकार नहीं करते सीधा सीधा, लेकिन अब तो मान लीजिए 26 नंबर का अंतर है जनरल और ओबीसी का अब दुबारा यह मत कहना की ओबीसी का आरक्षण जाट खा रहे हैं ओबीसी की अन्य जातियों से हमारा यह निवेदन है कि आप खुद पता कीजिए कि असल में आरक्षण कौन खा रहा है आपको समझ में आ जाएगा कि यह आरक्षण जनरल वालों को ही दिया जा रहा है आप उन्हें समझने की कोशिश कीजिए कि sc.st.obc जनसंख्या में 85% है और जनरल सिर्फ 15% है इससे हम 85 अनुपात 15 माने
आप मान लीजिए जैसे100 आदमी है उनमें 100 रुपयों का बंटवारा करना है उनमें ₹100 की धनराशि का बंटवारा करना है तो आरक्षण के अनुसार ऐसे होगा की 85 लोगों को ₹49 मिलेंगे और सिर्फ 15 लोगों को ₹51 मिलेंगे अब तय आपको करना है कि ज्यादा फायदा 15 लोगों को हो रहा है या 85 लोगों को हो रहा है जो यह उदाहरण मैंने दिया है यह परफेक्ट उदाहरण है इस आरक्षण को समझने के लिए क्योंकि यहां सिर्फ 15% लोगों को 51% आरक्षण मिल रहा है क्योंकि एससी एसटी ओबीसी को उन्हीं की कैटेगरी में बांध दिया गया है
आप मान लीजिए कि आपके सामने 4 कटोरी रखी गई है और उन में अलग-अलग मात्रा में दूध डाला गया है अब आप समझ लीजिए कि यहां SC ST ओबीसी के कटोरे में 49 लीटर दूध है और 49 लीटर में भी 3 कटोरिया में बांटा गया है बाकी का 51 लीटर एक कटोरी में है अब 49 लीटर दूध में SC ST, OBC के 85 प्रतिशत लोगों में बांटा जाएगा और 51 लीटर दूध सिर्फ 15 लोगो 15% सामान्य वर्ग को मिलेगा अब आप यह समझ लीजिए कि ज्यादा फायदा किन को हो रहा है सामान्य वर्ग हो रहा है या आरक्षित वर्गों को हो रहा है असल में 15 लोगों को 100 लीटर में से 51 लीटर दूध मिलता है
तो आप समझिए की असली फायदा किसको को यानी आरक्षण जनरल वालों को ही है एससी एसटी ओबीसी को तो आरक्षण के नाम पर लॉलीपॉप दिया गया है और हम इस बात को समझने की कभी कोशिश ही नहीं करते
हम खुद जनरल वालों के बहकावे में आकर कहते हैं कि आरक्षण हटना चाहिए यानी हमें यह भी समझ में नहीं आया आज तक आरक्षण किन को मिला है कम से कम इतनी तो अकल लगाइए तो समझिए आरक्षण का क्या है
कल मध्यरात्रि को आर ए एस प्री का परिणाम जारी हुआ था आप सब ने देखा होगा की कट ऑफ जनरल से ओबीसी की अधिक रही इसका साफ-साफ अर्थ है कि ओबीसी के अभ्यर्थियों को ओबीसी के कोटे के अंदर ही बांध के रखा है उन्हें जनरल में नहीं जाने दिया गया है अब कम नंबर लाकर भी जनरल वाले अफसर बनेंगे और ओबीसी वाले ज्यादा नंबर लाकर भी धक्के खाते रहेंगे फिर यह काहे का आरक्षण है❓❓
एक नजर कल के RAS प्री के परिणाम पर
अब इसे क्या कहेंगे? अन्य पिछड़ा वर्ग के युवा पढ़ने में भयंकर होशियार हैं कि वे सामान्य से 23.27% अंक अधिक अर्जित कर उनको मात दे रहे हैं ? असल में पढ़ाई में OBC के युवा अब आगे तो हैं मगर उनके साथ फिर से अन्याय शुरू हो चुका है क्योंकि नियमानुसार 99.33 % से नीचे की तरफ 76.06% तक उनके जितने भी युवा हैं वे प्रतिभाशाली हैं यानी मेरिट जहाँ रुकती है उससे भी ऊपर हैं तो पहले इन्हें मेरिट से लिया जाये फिर 76.06% सामान्य के स्तर तक वालों को 21% राज्य कोटा और 27% केन्द्रीय कोटा जैसी भी परीक्षा है, के अनुसार मिले तो ही तो आरक्षण है अन्यथा कैसा आरक्षण है ? 4-5 खास ही जातियों को 51% आरक्षण और SC,ST तथा OBC की करीब 9000 जातियों को मात्र 49% आरक्षण ये बन गया है न्यायिक निर्णयों के माध्यम से अब समस्त आरक्षित वर्ग को संघर्ष करने के लिए कमर कस लेनी चाहिए क्योंकि कुटिलतापूर्ण तरीके से ये षडयंत्र चल रहा है कि यातो आरक्षण खत्म हो या जो अब चल रहा कि जो जहाँ है वहीं रहे फिर आप मेरिट किसे कहेंगे? आप क्या सोचते हैं? थोड़ा अवगत कराएं :-
और दूसरी जातियां कहती है कि ओबीसी का आरक्षण जाट खा रहे हैं हम उनसे यह कहना चाहते हैं कि अब आप ही देख लीजिए कि आप का आरक्षण कौन खा रहे हैं सरकार खा रही है या जनरल खा रहा है कौन खा रहा है आरक्षण की असलियत भी आज तक लोगों ने समझने की कोशिश नहीं की 2017 में सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आया था उसमें स्पष्ट कहा गया है कि ओबीसी एससी एसटी के लोगों को जनरल की सीटों पर नौकरी नहीं मिलेगी अब दूसरी जातियां यह तय करें कि आपका आरक्षण कौन खा रहा है अगर ओबीसी का आरक्षण केवल जाट खा रहे हैं तो जनरल की कट ऑफ ओबीसी से नीचे क्यों 24 % का अंतर क्यों सभी से यही निवेदन है कि इसको समझने की कोशिश करें कि जो आरक्षित है जैसे ओबीसी एससी एसटी उनको उनके ही आरक्षित दायरे में बांधने की कोशिश की गई है यानी ओबीसी एससी एसटी का कोई भी व्यक्ति चाहे कितने भी नंबर लाए उनको जनरल में शामिल नहीं किया जाएगा उनको अपनी ही कैटेगरी में रखा जाएगा इसलिए सबका हित इसी में है कि एकजुट होकर सरकारों को मुंहतोड़ जवाब दीजिए आप बोलते नहीं हैं और जो बोलते हैं वह जनरल वाले लंबे समय से आरक्षण का विरोध करते आ रहे हैं तो देखो फायदा भी वही उठा रहे हैं आरक्षण के नाम का लॉलीपॉप sc.st.obc को पकड़ा दिया गया है और फायदा जनरल वाले उठा रहे हैं अगर आप ऐसे तो मानते नहीं है क्योंकि हमारी आदत है कि हम सच को स्वीकार नहीं करते सीधा सीधा, लेकिन अब तो मान लीजिए 26 नंबर का अंतर है जनरल और ओबीसी का अब दुबारा यह मत कहना की ओबीसी का आरक्षण जाट खा रहे हैं ओबीसी की अन्य जातियों से हमारा यह निवेदन है कि आप खुद पता कीजिए कि असल में आरक्षण कौन खा रहा है आपको समझ में आ जाएगा कि यह आरक्षण जनरल वालों को ही दिया जा रहा है आप उन्हें समझने की कोशिश कीजिए कि sc.st.obc जनसंख्या में 85% है और जनरल सिर्फ 15% है इससे हम 85 अनुपात 15 माने
आप मान लीजिए जैसे100 आदमी है उनमें 100 रुपयों का बंटवारा करना है उनमें ₹100 की धनराशि का बंटवारा करना है तो आरक्षण के अनुसार ऐसे होगा की 85 लोगों को ₹49 मिलेंगे और सिर्फ 15 लोगों को ₹51 मिलेंगे अब तय आपको करना है कि ज्यादा फायदा 15 लोगों को हो रहा है या 85 लोगों को हो रहा है जो यह उदाहरण मैंने दिया है यह परफेक्ट उदाहरण है इस आरक्षण को समझने के लिए क्योंकि यहां सिर्फ 15% लोगों को 51% आरक्षण मिल रहा है क्योंकि एससी एसटी ओबीसी को उन्हीं की कैटेगरी में बांध दिया गया है
आप मान लीजिए कि आपके सामने 4 कटोरी रखी गई है और उन में अलग-अलग मात्रा में दूध डाला गया है अब आप समझ लीजिए कि यहां SC ST ओबीसी के कटोरे में 49 लीटर दूध है और 49 लीटर में भी 3 कटोरिया में बांटा गया है बाकी का 51 लीटर एक कटोरी में है अब 49 लीटर दूध में SC ST, OBC के 85 प्रतिशत लोगों में बांटा जाएगा और 51 लीटर दूध सिर्फ 15 लोगो 15% सामान्य वर्ग को मिलेगा अब आप यह समझ लीजिए कि ज्यादा फायदा किन को हो रहा है सामान्य वर्ग हो रहा है या आरक्षित वर्गों को हो रहा है असल में 15 लोगों को 100 लीटर में से 51 लीटर दूध मिलता है
तो आप समझिए की असली फायदा किसको को यानी आरक्षण जनरल वालों को ही है एससी एसटी ओबीसी को तो आरक्षण के नाम पर लॉलीपॉप दिया गया है और हम इस बात को समझने की कभी कोशिश ही नहीं करते
हम खुद जनरल वालों के बहकावे में आकर कहते हैं कि आरक्षण हटना चाहिए यानी हमें यह भी समझ में नहीं आया आज तक आरक्षण किन को मिला है कम से कम इतनी तो अकल लगाइए तो समझिए आरक्षण का क्या है
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